पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित व्रत में से एक है। इस त्योहार के अनुष्ठान आमतौर पर विवाहित जोड़ों द्वारा किये जाते हैं। विवाहित महिलाएँ जो संतान की चाहत रखती हैं, पुत्रदा एकादशी व्रत का पालन करती हैं और भगवान विष्णु का दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए इस त्योहार से जुड़े विभिन्न अनुष्ठान भी करती हैं।
2022 पौष पुत्रदा एकादशी तिथि: गुरुवार 13 जनवरी।
पुत्रदा एकादशी साल में दो बार मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक हिन्दू मास की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। पहली पुत्रदा एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी या पौष शुक्ल पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी या दिसंबर के महीने में मनाई जाती है। और दूसरी पुत्रदा एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाता है जो कैलेंडर वर्ष के अनुसार जुलाई या अगस्त के महीने में आती है।
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उपवास के प्रत्येक अनुष्ठान को करने और पर्याप्त विधी के साथ इसका पालन करने की आवश्यकता होती है ताकि इसका अधिकतम लाभ उठाया जा सके। पौष पुत्राद एकादशी की पूजा विधि निम्नलिखित हैं:
पौष पुत्रादि एकादशी पूजा और व्रत का पालन करते हुए निम्नलिखित मंत्रों का पाठ किया जाता हैः
"ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम।
विष्णु अष्टोत्रम।।"
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