मंदिर के बारे में
कृष्ण जन्म भूमि मथुरा वृन्दावन हिन्दू सनातन धर्म के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। कृष्णा का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था, इसलिए उत्सव उस समय तक जाता है जिसके बाद मंदिरों में विभिन्न पूजा और अनुष्ठान होते हैं। हालांकि, मुख्य घटना कृष्णा के जन्म के वास्तविक स्थान पर आयोजित की जाती है जिसे अब एक विशाल कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में परिवर्तित किया गया है। भगवान कृष्ण जी की मुख्य प्रतिमा मूर्ति को गर्भ नामक गुफा में स्थापित किया गया है। इस स्थान में जन्माष्टमी के दिन यहाँ लाखों की तादात में भक्त गण दर्शन करने पहुँचते हैं और दर्शन कर अपने जीवन को धन्य व सुख समृद्धि को प्राप्त करते हैं।
पूजा समय:-
सोमवार-रविवार (ग्रीष्म ऋतु में) 5:00 से 12:00 दोपहर 04:00 से 09:30 रात्रि तक
सोमवार-रविवार (ग्रीष्मकालीन) गर्भा गृह दर्शन:
प्रातः काल 05:00 से 9:30 बजे तक
सोमवार-रविवार (सर्दियों में) प्रातः काल 5:30 से दोपहर 12:00 बजे तक
सांय काल 03:00 से रात्रि
08:30
सोमवार-रविवार (सर्दियों में) गर्भा गृह दर्शन: प्रातः काल 05:30 से शाम 8:30 बजे तक