मंदिर के बारे में
देवी काली को समर्पित जो एक शक्तिशाली और देवी का सबसे उग्र अवतार है- शक्ति (दुर्गा)। मंदिर के मुख्य निवास के अंदर भगवान शिव भी विराजित हैं। यह दिल्ली के मुख्य चित्तरंजन पार्क के अंदर स्थित है। यह दीवारों पर अद्भुत भित्ति चित्रों के साथ उत्कीर्ण एक अद्भुत मंदिर है। इसमें विभिन्न देवी-देवताओं, देवी देवताओं के शानदार चित्र भी अंकित हैं। राधे- पूरी तरह से कृष्ण को मंदिर परिसर में पूजा जाता है। देवी का यह प्रसिद्ध मंदिर- काली का निर्माण बंगाली समुदाय द्वारा दिल्ली में किया गया था। यह स्थानीय निवासियों के बीच काली काली के रूप में लोकप्रिय है।
वास्तुकला: एक छोटी सी पहाड़ी की चोटी पर संग्रहीत। यह 1973 में और 1984 में बनाया गया था; मंदिर परिसर में एक सुंदर काली मंदिर स्थापित किया गया था। यह कहा जाता है कि, यह मंदिर पुराने समय में भगवान शिव का निवास था और बंगाली टेराकोटा वास्तुकला को दर्शाता है। प्रत्येक देवता-गोड्डे काली, भगवान शिव और राधे-कृष्ण के लिए, मुख्य मंदिर के अंदर अलग मंदिर स्थापित है।
विशेषता: यह प्रतिष्ठित मां काली मंदिर सी। आर पार्क (चित्तरंजन पार्क) में रहने वाले लोगों के लिए एक सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र भी है, काली पूजा / दुर्गा पूजा व्यापक रूप से मनाई जाती है जो अक्टूबर या नवंबर के महीने में होती है। हिंदू-संस्कृति के प्रमुख त्योहारों में से एक इस प्रसिद्ध मंदिर में हजारों भक्तों द्वारा भाग लिया जाता है। मुख्य मंदिर क्षेत्र के अंदर, एक विशाल पुस्तकालय स्थित है जिसमें बंगाली संस्कृति और परंपरा पर पुस्तकों का एक बड़ा संग्रह है।
समय: ग्रीष्मकाल: प्रातः 4:45 बजे - दोपहर 12:30 बजे / शाम 5:00 बजे - रात 10:00 बजे।
सर्दी: सुबह ५:४५ बजे - दोपहर १ बजे / ४:३० बजे - रात ९ .०० बजे।
आरती का समय: ग्रीष्म (अप्रैल - अक्टूबर):
मंगल आरती- सुबह 4:45 बजे से शाम 5:15 बजे तक - सुबह 08:00 बजे।
भोगरती- सुबह 11:20 बजे से सुबह 11:50 बजे तक
बंद - 12:30 बजे। से 05:00 बजे।
संध्याति- 06:30 बजे। से 07:30 बजे।
मंदिर बंद- 10:00 बजे