हिडिम्बा देवी मंदिर
हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली में हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यह एक प्राचीन गुफा-मन्दिर है जो हिडिम्बी देवी या हिरमा देवी को समर्पित है। जिसका वर्णन महाभारत में भीम की पत्नी के रूप में मिलता है। मन्दिर में उकीर्ण एक अभिलेख के अनुसार यह मंदिर का निर्माण राजा बहादुर सिंह ने 1553 ईस्वी में करवाया था । पैगोडा की शैली में निर्मित यह मंदिर अत्यंत सुंदर है। यह मंदिर मनाली शहर के पास के एक पहाड़ पर स्थित है। मनाली आने वाले सैलानी यहाँ जरूर आते है । देवदार वृक्षो से घिरे इस मंदिर की खूबसूरती बर्फबारी के बाद देखते ही बनती है।
मंदिर तक पहुँचने का मार्ग-
हवाई जहाज द्वारा: कुल्लू हवाई अड्डे से 32 किलोमीटर दूर स्थित है
ट्रेन द्वारा: अहजू रेलवे स्टेशन से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है
बस द्वारा: ओल्ड मनाली से कुछ मिनट की दूरी स्थित है
इतिहास-
हिडिम्बा का नाम तो शायद सुना ही होगा। जी हां, महाभारत के महाबली भीम की पत्नी। कुल्लु राजवंश हिडिम्बा को कुलदेवी के रूप में मानता है। इस देवी का ऐतिहासिक मन्दिर हिमाचल प्रदेश में प्रमुख हिल स्टेशन मनाली से मात्र एक किलोमीटर दूर डूंगरी नामक स्थान पर स्थित है। जिसे देखने के लिए हर साल हजारों दर्शनार्थी आते हैं।
इस मन्दिर का निर्माण 1553 ईस्वी में महाराज बहादुर सिंह ने कराया था। पगोड़ा शैली इस मन्दिर की खासियत है। लकड़ी से निर्मित इस मन्दिर की चार छतें है। नीचे की तीन छतों का निर्माण देवदार की लकड़ी के तख्तों से हुआ है जबकि उपर की चौथी छत तांबे एवं पीतल से बनी है। नीचे की छत सबसे बड़ी, दूसरी उससे छोटी, तीसरी उससे भी छोटी और चौथी सबसे छोटी है। सबसे छोटी छत एक कलश जैसी नजर आती है। करीब 40 मीटर उंचे शंकु के आकार में बने इस मन्दिर की दीवारें पत्थर की है। प्रवेश द्वार और दीवार पर सुन्दर नक्काशी हो रही है। अन्दर एक शिला है जिसे, देवी का विग्रह रूप मानकर पूजा जाता है। हर साल जेष्ठ माह में यहां मेला लगता है। यहां पर भीम के पुत्र घटोत्कच का भी मन्दिर है।
पूजा समय
सोमवार-रविवार
प्रातः काल: 08:00
सांय काल: 06:00
इतिहास