इस भौतिक जीवन में मानव अपने हर कार्य को सुख समृर्धि व खुशहाल बनाने के लिए निरंतर अनेकों प्रयास करता रहता है व जीवन में हर सुखों को प्राप्त करता रहता है इन सभी वस्तुओं को प्राप्त करने व अपने जीवन को आनंदमय बनाने के लिए अनेकों माध्यम है यदि व्यक्ति के साथ देवी देवताओं के व्रत कथा का अनुसरण करता है व निरंतर व्रत कथा का पालन करता है तो वह जातक अपने भौतिक जीवन को सुख समृद्धि व तेजोमयी बना देता है और वही व्यक्ति अपने सांसारिक सम्पूर्ण समय को ईश्वर के प्रति न्यौछावर यानि समर्पित हो जाता है और देवीय शक्तियों के सानिध्य में अपने जीवन को यापन करता है इस लिए व्रत कथा का इस सांसारिक जीवन में बहुत बड़ा महत्वा पूर्ण योदान है
आध्यात्मिक दृष्टि के साथ व्रत कथा को कल्याणकारी माना जाता है। इसका वैज्ञानिक विवरण भी देख सकते हैं, जिसके अनुसार कर्क और सिंह राशि की संक्रांति के समय वाष्पीकरण अधिक होने के साथ ही वर्षा अधिक होती है। जिससे समस्त संसार में कई तरह के वनस्पतियों के पोषण के साथ ही ग्रीष्म ऋतु का प्रभाव भी कम होता है। पुराणों के अनुसार, सावन में ही समुद्र मंथन से निकला विष भगवान शिव ने पीकर संसार की रक्षा की थी। इसलिए भोलेनाथ की सावन में पूजा करने से विशेष कृपा मिलती है। माता सती ने भी सावन में ही किया कठोर तप इसके साथ ही ऐसी मान्यता है कि माता सती ने सावन मास में ही घोर तपस्या करने से अपने हर जन्म में पति स्वरूप में भगवान शिव को प्राप्त किया था। व्रत कथा को करने से परिवार की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसा माना जाता है कि पूरी श्रद्धा से इस रखने को रखने से कार्यक्षेत्र में सफलता और आर्थिक स्थिति से जुड़ी सारी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। इसी प्रकार ऐसे कई मुख्य व्रत कथा हैं जो मानव जीवन को सुख- समृद्धि व कल्याण कारी बना देता है