अक्षय कुमार बर्थडे जन्मकुंडली (ज्योतिषाचार्य सुनील बरमोला जी द्वारा)
नाम |
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अक्षय कुमार |
जन्म तिथि |
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09 सितंबर 1967 |
जन्म का समय |
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12:05 PM |
जन्म स्थान |
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अमृतसर ( पंजाब ) |
अक्षय कुमार का नाम बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में गिना जाता है जिन्होंने बिना किसी गुरु के बॉलीवुड में 1991 से अभी तक अपना दब-दबाव बनाए रखा है। भारत वर्ष का फ़िल्म स्टार अक्षय ने अपने कैरियर की शुरूआत 1991 में सौगंध पहलम से शुरू की थी। जिसके बाद वे खिलाड़ी, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी जैसे अनेकों फ़िल्म बनायीं जो अभी भी प्रचलित व प्रसिद्ध हैं।
भारतीय ज्योतिष गणना के अनुसार अक्षय जी का जन्म 9 सितम्बर 1967 को पंजाब जे अमृतसर जिले में हुआ था। कहा जाता है कि अक्षय बचपन से ही एक कर्मठ व्यक्ति के नाम से जाने जाते थे। प्रारम्भिक पढ़ाई-लिखाई से ही यह तीव्र बुद्धि व गंभीर स्वाभाव के थे। अक्षय जी की जन्मकुंडली वृश्चिक लग्न व तुला राशि की है।
कुंडली में गुरू आत्मकारक है और ये अपनी उच्च की राशि के साथ बैठा है। यह संयोग एक ऐसा संकेत देता है कि वो सीखने और दूसरों को सीखाने की इच्छा रखते है। उनके व्यक्तित्व का ये पहलू उनके हर फ़िल्म में नजर आता है। सूर्य कुंडली के अनुसार बुध उच्च का है और दूसरे भाव में बैठा है। ये ग्रहीय स्थिति बताती है कि वो हमेशा सही होना चाहते है और स्पष्ट ढंग से अपनी राय देते है। साथ ही, ये संयोजन उनकी फिल्मों में उनके अदभुत संवाद दर्शाता है।
अक्षय कुमार पर ग्रहों का प्रभाव –
सूर्य का अपनी स्वराशि में होना व लाभ भाव में बैठे रहना उनके मजबूत आत्मविश्वासी व्यक्तित्व का संकेत देता है। ये संयोजन ये भी प्रकट करता है कि अक्षय कुमार यंग जनरेशन के लिए एक सच्ची प्रेरणा है। चंद्र का तुला राशि में होना ये बताता है कि कोर्इ भी स्थिति आए या जाए, वे हमेशा अपनी निजी आैर पेशेवर जिंदगी को संतुलित कर पाते है। अक्षय की कुंडली में मंगल वृश्चिक राशि में है और ये खेलकूद और मार्शल आर्टस ,नृत्य कला में भी उनकी रूचि दर्शाता है।
साथ ही, इस प्लेसमेंट के कारण, वो अपने आसपास के हर एक व्यक्ति के लिए पहेलीनुमा है। परन्तु कुंडली में बैठे एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का कारक शुक्र जो की कुंडली का श्रेष्ठ सामाजिक व समाज में प्रफुलित करने वाला ग्रह है आैर जो की अक्षय जी कुंडली के लग्न भाव में बैठा है। जो उनके प्रत्येक कार्य में उनकी लोकप्रियता को बनाये रखता है अक्षय का आगामी समय जन्मकुंडली के द्वारा उज्जवल चमके हुए सूर्य के सामान प्रफुलित होते हुए दिखाई दे रहा है।