अखंड भारत वर्ष में दीपावली के महापर्व से दो दिन पूर्व धन के देव धन्वन्तरिकी पूजा बड़े ही उल्लास के साथ की जाती है आम तौर पर इस पर्व को धनतेरस नाम से मनाया जाता है। माना जाता है की इस दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस दिन को भगवान कुबेर और धन की देवी मां लक्ष्मी की अराधना से जोड़ा जाता है। इनकी पूजा कर धनवान बनाने के लिए प्रार्थना की जाती है। इस साल धनतेरस शुक्रवार, 25 अक्टूबर को है। इस दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। व्यापर/ कारोबार के लिए यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि किसी भी व्यक्ति का व्यापार मंदा या चल नहीं पारहा है तो इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा करना शुभ माना जाता है जिसके चलते जातक का कारोबार उन्नति का देखना प्रारम्भ कर लेता है।
आओ जानते है कब और कैसे करें भगवन धन्वन्तरि की पूजा का प्रारम्भ ।
धनतेरस के दिन इस मंत्र का करे जाप
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
धनतेरस पूजा विधि(Dhanteras Puja Vidhi)
– सबसे पहले अपने घर को साफ-सफाई कर गंगाजल से पवित्र करें
– इस दिन नये वर्तनों की खरीद-दारी अवश्य करें
– पूजन के समय सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें। चांदी या तांबे के छोटे चम्मच से जल अर्पित करें।
– भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें।
– हाथ में अक्षत-फूल लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
ऐसा करने से ही अवश्य ही आपके कारोबार में बरकत व डूबता हुआ व्यापार बड़े तेजी से आगे बढ़ने लग जायेगा और भगवान धन्वन्तरि की कृपा से धन की कृपा बानी रहेगी ।
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