मार्च २०२० के लिए भारतीय छुट्टियां और त्यौहार कैलेंडर महीने के महीने के शुभ मुहूर्तों के साथ। मार्च २०२० की छुट्टियों और भारतीय त्योहारों की सूची।
छुट्टियों और त्योहारों की सूची मार्च २०२० | |
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मंगलवार, ०३ मार्च | मासिक दुर्गाष्टमी, रोहिणी व्रत, होलाष्टक |
शुक्रवार, ०६ मार्च | आमलकी एकादशी, नरसिंह द्वादशी |
शनिवार, ०७ मार्च | प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी |
रविवार, ०८ मार्च | अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, हज़रत अली का जन्मदिन |
सोमवार, ०९ मार्च | छोटी होली, होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा, डोल पूर्णिमा, चैतन्य महाप्रभु जयंती,अट्टुकल पोंगाल |
मंगलवार, १० मार्च | होली – रंगों का त्यौहार |
बुधवार, ११ मार्च | भाई दूज |
गुरुवार, १२ मार्च | शिवाजी जयंती, भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी |
शुक्रवार, १३ मार्च | रंग पंचमी |
शनिवार, १४ मार्च | मीना संक्रांति |
रविवार, १५ मार्च | शीतला सप्तमी, विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस |
सोमवार, १६ मार्च | शीतला अष्टमी, कालाष्टमी |
बुधवार, १७ मार्च | स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती |
गुरुवार, १८ मार्च | पापमोचनी एकादशी |
शनिवार, २१ मार्च | प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी |
रविवार, २२ मार्च | मासिक शिवरात्रि |
मंगलवार, २४ मार्च | चैत्र अमावस्या |
बुधवार, २५ मार्च | चैत्र नवरात्रि प्रारंभ, चंद्र दर्शन, गुड़ी पड़वा, झूलेलाल जयंती |
शुक्रवार, २७ मार्च | मत्स्य जयंती, गणगौर |
शनिवार, २८ मार्च | विनायक चतुर्थी |
रविवार, २९ मार्च | लक्ष्मी पंचमी |
गुरुवार, ३० मार्च | स्कंद षष्ठी, यमुना छठ, रोहिणी व्रत |
शुभ मुहूर्त मार्च २०२० | |
शादी | २, ३, ४, ८, ११, १२ |
गृहप्रवेश | ९, ११, १२, १८, १९ |
नामकरण | २, ६, ९, ११, १२, १३, १५, १८, १९, २०, २५, २६, २९, ३० |
मुंडन | ५, ६, ११, १२, १३, १९, २६ |
संपत्ति खरीद | ५, १३ |
वाहन खरीद | २, ५, ६, ११, १२, १३, १९, २९, ३० |
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मार्च २०२० में त्योहार
हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, मार्च २०२० चैत्र सुक्ल पक्ष अष्टमी से शुरू होता है और वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी में समाप्त होता है।
मंगलवार ०३
- मासिक दुर्गाष्टमी: दुर्गाष्टमी एक बहुत ही शुभ व्रत है और हर महीने अष्टमी फाल्गुन, शुक्ल पक्ष अष्टमी के दौरान मनाया जाता है। प्रेक्षक / व्रती इस दिन सुबह से शाम तक उपवास करते हैं।
- रोहिणी व्रत: रोहिणी व्रत उन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है जो अपने पति के लिए लंबी उम्र चाहती हैं। रोहिणी व्रत फाल्गुन, शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन मनाया जाएगा।
- होलाष्टक: होलाष्टक होली से आठ दिन पहले की अवधि है जिसे सबसे अशुभ समय के रूप में जाना जाता है और यह फाल्गुन, शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन पड़ता है। होलाष्टक के दौरान, लोग पेड़ों के रंगीन टुकड़ों का उपयोग करके एक पेड़ की शाखा को सजाते हैं।
शुक्रवार ०६
- आमलकी एकादशी: आमलकी एकादशी फाल्गुन, शुक्ल पक्ष की एकादशी को शुभ होती है। आमलकी एकादशी हिंदू भक्तों द्वारा अत्यंत सम्मान के साथ मनाई जाती है और भक्तों के लिए अपने पापों और प्रायश्चित के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है।
- नरसिंह द्वादशी: नरसिंह द्वादशी वह दिन है जब भगवान नरसिंह का अवतार हुआ था और यह फाल्गुन, शुक्ल पक्ष द्वादशी को मनाया जाता है। यह पूरे विश्व में हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है।
शनिवार ०७
- प्रदोष व्रत: प्रदोष व्रत एक हिंदू व्रत है जो भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है और फाल्गुन, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी के शुभ दिन मनाया जाता है
- शनि त्रयोदशी: शनि-त्रयोदशी शिव और शनि पूजा करने के लिए एक शुभ दिन है और हर साल इसे फाल्गुन, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी के शुभ दिन मनाया जाता है। शनि पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय है।
रविवार ०८
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया भर के कई देशों में मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जब महिलाओं को उनकी उपलब्धियों के लिए पहचाना जाता है। हर साल यह 8 मार्च को मनाया जाता है।
- हज़रत अली का जन्मदिन: इमाम अली, जिन्हें हज़रत अली के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया भर के सभी मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। उनका जन्म 13 वें दिन रजब के इस्लामिक महीने 599 ईस्वी में हुआ था। हर साल इसे फाल्गुन, शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को मनाया जाता है।
सोमवार ०९
- छोटी होली: अलाव के इस दिन की होली पर चोती होली होती है और रंग उत्सव होली का पहला दिन होता है। यह फाल्गुन, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा की शुभ तिथि पर पड़ेगा।
- होलिका दहन: होलिका दहन या होलिका दहन होली की पूर्व संध्या पर होता है। हर साल यह फाल्गुन, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तीथि पर पड़ता है। यह भक्त ‘प्रह्लाद’ की चाची unt होलिका ’की मृत्यु का स्मरण कराता है। होलिका से जुड़े कई पौराणिक, आध्यात्मिक और सामाजिक किस्से हैं
- फाल्गुन पूर्णिमा: फाल्गुन पूर्णिमा साल की आखिरी पूर्णिमा है। होली, सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय हिंदू त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा के दौरान मनाया जाता है। इस वर्ष यह फाल्गुन, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को मनाया जाता है।
- डोल पूर्णिमा: फाल्गुन, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा की शुभ तिथि पर डोल असम में एक प्रमुख त्योहार डोल पूर्णिमा या डोल जात्रा मनाया जाता है
- चैतन्य महाप्रभु जयंती: चैतन्य महाप्रभु जयंती का जन्म फाल्गुन, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को वर्ष 1542 में हुआ था। हर साल उनकी जयंती फाल्गुन, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को मनाई जाती है।
- अट्टुकल पोंगल: अट्टुकल पोंगाल, फाल्गुन, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर अटुकल मंदिर में मनाया जाने वाला 10 दिवसीय त्योहार है। अट्टुकल पोंगाला केरल का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार है जो तिरुवनंतपुरम में अट्टुकल भगवती मंदिर में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
मंगलवार १०
- होली – रंगों का त्यौहार: होली रंगों का त्यौहार है और चैत्र, कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को मनाया जाता है और यह भारत का एक अत्यंत लोकप्रिय त्यौहार है और इसकी उत्पत्ति के साथ समाज के सभी वर्गों में आम है।
बुधवार ११
- भाई दूज: भाई दूज, भाइयों और बहनों का त्योहार रक्षा बंधन के समान है और चैत्र, कृष्ण पक्ष द्वितीया के शुभ दिन पर पड़ता है। भाई दूज सबसे लोकप्रिय और शुभ हिंदू त्योहारों में से एक है और यह एक भाई और बहन के बीच प्रेम के बंधन को दर्शाता है।
गुरुवार १२
- शिवाजी जयंती: शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के सर्वश्रेष्ठ नेता थे। इस तरह, महाराणाओं का इस मराठा शासक के प्रति असाधारण सम्मान है और उनकी जयंती चैत्र, कृष्ण पक्ष तृतीया को मनाई जाती है।
- भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी हिंदू समुदाय के लोगों के लिए एक पवित्र दिन है जो चैत्र कृष्ण पक्ष चतुर्थी के दिन पड़ता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन व्रत मनाया जाएगा।
शुक्रवार १३
- रंग पंचमी: रंग पंचमी एक हिंदू त्योहार है जो होली के रंगीन त्योहार के ठीक पांच दिन बाद मनाया जाता है। रंग पंचमी चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी को होलिका दहन के पांच दिन बाद मनाई जाती है।
शनिवार १४
- मीना संक्रांति: मीना संक्रांति एक हिंदू त्योहार है जो शुभ दिन पर मनाया जाता है जब मीन से मेष राशि में सूर्य का संक्रमण शुभ चैत्र चैत्र कृष्ण पक्ष षष्ठी को होता है।
रविवार १५
- शीतला सप्तमी: शीतला सप्तमी देवी शीतला या शीतला माता को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। हिंदू भक्त देवी शीतला की पूजा अपने परिवार के सदस्यों की रक्षा के लिए करते हैं, खासकर बच्चों को चिकनपॉक्स और चेचक जैसी संक्रामक बीमारियों से। यह चैत्र, कृष्ण पक्ष सप्तमी को मनाया जाता है।
- विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस: 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह उपभोक्ताओं के मूल अधिकारों को बढ़ावा देने और उन्हें इसके बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
सोमवार १६
- शीतला अष्टमी: शीतला अष्टमी देवी शीतला या शीतला माता को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। हिंदू भक्त देवी शीतला की पूजा अपने परिवार के सदस्यों की रक्षा के लिए करते हैं, खासकर बच्चों को चिकनपॉक्स और चेचक जैसी संक्रामक बीमारियों से। यह चैत्र, कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाया जाता है।
- कालाष्टमी: कालाष्टमी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान भैरव के जन्मदिन को समर्पित है और हर साल चैत्र, कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन मनाया जाता है।
बुधवार १७
- स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती: दयानंद सरस्वती एक हिंदू धार्मिक नेता, प्रसिद्ध वैदिक विद्वान और आर्य समाज के संस्थापक थे। स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती हर साल चैत्र, कृष्ण पक्ष दशमी को मनाई जाती है।
गुरुवार १८
- पापमोचनी एकादशी: पापमोचनी एकादशी कृष्ण पक्ष की ad एकादशी ’(११ वें दिन) the चैत्र’ के महीने में आती है। पापमोचनी एकादशी व्रत बड़ी निष्ठा और समर्पण के साथ किया जाता है।
शनिवार २१
- प्रदोष व्रत: प्रदोष व्रत एक हिंदू व्रत है जो भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है और चैत्र, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के शुभ दिन मनाया जाता है।
- शनि त्रयोदशी: शिव और शनि पूजा करने के लिए शनि-त्रयोदशी एक शुभ दिन है और हर साल चैत्र, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के शुभ दिन मनाया जाता है। शनि पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय है।
रविवार २२
- मासिक शिवरात्रि: शिवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो चैत्र, कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है।
मंगलवार २४
- चैत्र अमावस्या: चैत्र अमावस्या, चैत्र, कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि पर पड़ने वाला कोई चंद्रमा का दिन नहीं है। इस दिन, चंद्रमा की कोई दृश्यता नहीं है।
बुधवार २५
- चैत्र नवरात्रि प्रारंभ: चैत्र नवरात्रि नौ दिनों का उत्सव है जो हिंदू लूनी-सौर कैलेंडर के पहले दिन से शुरू होता है और चैत्र, शुक्ल पक्ष प्रतिपदा की शुभ तिथि पर पड़ता है।
- चंद्र दर्शन: चंद्र दर्शन अमावस्या के बाद यानी अमावस्या के दिन, अमावस्या के दिन चंद्रमा को देखने का कार्य है। यह चैत्र, शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पर पड़ता है।
- गुड़ी पड़वा: गुड़ी पड़वा महाराष्ट्र में नए साल की शुरुआत और वसंत के मौसम की शुरुआत होती है। यह चैत्र, शुक्ल पक्ष प्रतिपदा की शुभ तिथि पर मनाया जाता है।
- झूलेलाल जयंती: झूलेलाल जयंती सिंधी समुदाय के पुराने और पारंपरिक त्योहारों में से एक है। यह चैत्र, शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के शुम्भ तीथ पर झूलेलाल के जन्म के लिए मनाया जाता है।
शुक्रवार २७
- मत्स्य जयंती: मत्स्य जयंती चैत्र, शुक्ल पक्ष तृतीया के शुभ तीथ पर भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार का प्रतीक है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु बहुत महत्व रखते हैं और उनके विभिन्न दस अवतार थे।
- गणगौर: गणगौर देवी गौरी या पार्वती का सम्मान करने और शादी और प्रेम का उत्सव मनाने के बारे में है। हर साल यह चैत्र, शुक्ल पक्ष तृतीया की शुभ तिथि पर पड़ता है।
शनिवार २८
- विनायक चतुर्थी: विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है और यह चैत्र, शुक्ल पक्ष चतुर्थी की शुभ तिथि पर पड़ता है।
रविवार २९
- लक्ष्मी पंचमी: लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं और यह दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित है। लक्ष्मी पंचमी, देवी लक्ष्मी की पूजा, धन, भाग्य और सफलता के लिए समर्पित दिन है। यह चैत्र, शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
सोमवार ३०
- स्कंद षष्ठी: यह हिंदुओं के लिए पवित्र दिन है जो भगवान मुरुगन या कार्तिकेय समृद्ध चैत्र, शुक्ल पक्ष षष्ठी को समर्पित है। यह भारतीय राज्य में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध और शुभ अवसरों में से एक है।
- यमुना छठ: यमुना छठ या ‘यमुना जयंती’ एक हिंदू त्योहार है जो देवी यमुना को समर्पित है। यमुना छठ मुख्य रूप से मथुरा शहर में चैत्र, शुक्ल पक्ष षष्ठी के शुभ दिन मनाया जाता है।
- रोहिणी व्रत: रोहिणी व्रत उन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है जो अपने पति के लिए लंबी उम्र चाहती हैं। रोहिणी व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी के दिन मनाया जाएगा।