हिंदू या वैदिक ज्योतिष में कुछ बातें अक्सर अतिरंजित और गलत समझी जाती हैं। कारण, देशी लोग कुछ मामलों को गंभीरता से लेते हैं। ज्योतिषीय समस्याओं में से एक है मांगलिक दोष। इस ज्योतिषीय विकार से पीड़ित लोगों को मांगलिक कहा जाता है। आइए अब जानते हैं कि मांगलिक दोष किसे कहा जाता है।
इस दोष की उपस्थिति को जन्म कुंडली में कुछ घरों में मंगल ग्रह की स्थिति के अनुसार निर्धारित किया जाता है। यदि लग्न कुंडली में प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तमी, अष्टमी वें और द्वादशी भाव में मंगल स्थित हो तो उस व्यक्ति का मांगलिक दोष होता है। यदि मंगल और शनि ग्रह दोनों सप्तम भाव में हों तो यह दोष सबसे गंभीर कहा जाता है।
मांगलिक दोष के प्रभाव:
जब मंगल प्रथम घर में स्थित है:
यह एक अस्वास्थ्यकर विवाहित जीवन का प्रतिनिधित्व करता है जिससे अनावश्यक संघर्ष होता है। इससे हिंसा और शारीरिक हमला हो सकता है जो बदले में तनाव, अवसाद या तलाक का कारण हो सकता है।
जब मंगल द्वितीय भाव में स्थित हो:
पारिवारिक जीवन कष्ट रहेगा। इसमें व्यक्तिगत के साथ-साथ पेशेवर मामले भी शामिल हो सकते हैं।
जब मंगल चतुर्थी घर में स्थित हो:
यह व्यक्ति वित्तीय मुद्दों का सामना करेगा और नौकरी प्रोफ़ाइल में स्थिर नहीं रह सकता है। यह स्थिति पेशेवर मोर्चे पर प्रतिकूल प्रभाव पैदा करेगी।
जब मंगल सप्तमी घर में स्थित हो:
इससे एक ऐसे व्यक्ति का विकास होगा जो अपने साथी के ऊपर काफी बीमार स्वभाव, हावी और तानाशाही करेगा। ऐसी स्थिति अंततः व्यक्ति को परिवार के सदस्यों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने में सक्षम नहीं बनाएगी।
जब मंगल अष्टमी भाव में हो:
ऐसा व्यक्ति आलसी होगा और अपने या अपने बड़ों के साथ तालमेल नहीं बना पाएगा और इस तरह पैतृक संपत्ति खो देगा।
जब मंगल द्वादशी घर में स्थित हो:
ये व्यक्ति बहुत सारे दुश्मनों का विकास करेंगे और मानसिक और वित्तीय समस्याओं से भी पीड़ित होंगे।
कभी-कभी मांगलिक होने के प्रभाव बहुत तीव्र बताए जाते हैं। इसका अर्थ है कि दांपत्य जीवन में गंभीर समस्याएँ आएंगी और यह टूटने, निरंतर लड़ाई और यहां तक कि एक साथी या दोनों की मृत्यु हो सकती है।
मांगलिक दोष के उपाय
अगर आप की कुंडली में मंगल दोषपूर्ण है तो विवाह के समय घर के अन्दर जमीन को खोदकर उसमें तंदूर या भट्टी नहीं लगानी चाहिए। व्यक्ति को मिट्टी का खाली बर्तन को चलते पानी में बहाना चाहिए। अगर आठवें खाने में मंगल दोष है तो किसी विधवा स्त्री से आशीर्वाद लें लेना चाहिए। साथ ही अगर कन्या की कुंडली में अष्टम भाव में मंगल है तो रोटी बनाते समय तवे पर ठंडे पानी के छींटे डालकर रोटी को बनानी चाहिए। आइए जानते हैं मंगल दोष के कुछ सरल उपाय….
- लाल कपड़े में सौंफ को बांधकर जहां आप सोते है वहां पर लाल कपड़े में बंधी सौंफ को रखना चाहिए।
- आगर आप अपने घर को बनवा रहें है तो उस घर में लाल पत्थर को अवश्य लगवाना चाहिए।
- बंधुजनों को मिठाई खिलाने से भी मंगल शुभ होता है।
- लाल कपड़ा लें और उसमें दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करें।
- बताया जाता है कि मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरणों से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।
- बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं|
- अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगा लें और उसकी देखभाल करें।
अगर आपको मांगलिक दोष है और आप इसका निवारण करना चाहते है तो आप नीचे दिए गए comment बॉक्स में comment कर के हमें बताए| ताकि हम आपको उसका उपाय बता सकें|