भगवान् विष्णु वास्तव में एक अत्यंत खुबसूरत स्त्री है – है! आश्चर्यजनक है लेकिन यही सत्य है. उनका नाम मोहिनी है. मोहिनी , बल्कि संसार में सदा के लिए सबसे खुबसूरत स्त्री है. भारतीय पुराणों में वह बहुत सारे प्रमुख घटनाओं में मुख्य पात्र रही है. समुन्द्रमंथन् में, प्रसिद्ध भस्मासुर का विनाश , भगवान् शिव के साथ प्रेम-प्रसंग और भी बहुत कुछ मोहिनी के कारण ही संभव हुआ.मोहिनी एकादशी , हिन्दू माह के शुक्ल पक्ष के 11वें दिन पड़ता है.
मोहिनी एकादशी के लिए शुभ मुहूर्त्त
7 तारीख , परना के समय = 5 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 19 मिनट
परना के दिन द्वादशी समाप्ति समय = 9 बजकर 42 मिनट
एकादशी तिथि आरम्भ = 5 मई 2017 को 7 बजकर 44 मिनट
एकादशी तिथि समाप्ति = 6 मई 2017 को 8 बजकर 30 मिनट
मोहिनी एकादशी का महत्त्व
सूर्य पुराण से इसके महत्व का एक संक्षिप्त विवरण
ऐसा कहा जाता है की जो लोग इस शुभ दिन पर भगवान् विष्णु की पूजा करते है और उपवास रखते है वो अपने पूर्व जन्म के पापों समेत सारे पापों से मुक्त हो जाते है. यह आगे के जीवन में खुशियाँ और समृद्धि आना भी सुनिश्चित करता है.
मोहिनी एकादशी की महत्ता को सबसे पहले संत वसिष्ठ ने भगवान् राम को सुनाया और भगवान् श्री कृष्ण ने महाराजा युधिष्ठिर को बताया. ऐसा विश्वास है की अगर कोई व्यक्ति मोहिनी एकादशी व्रत पूर्ण निष्ठा के साथ पूरा करता है तो वह जो ‘पुण्य’ या अच्छे कर्म प्राप्त करता है वो उन सभी तीर्थस्थलों के दर्शन करने , दान करने और यहाँ तक की यग्य करने से भी अधिक होता है. ऐसा भी विश्वास है की व्रत धारण करने वाला जन्म और मृत्यु के निरंतर चक्र से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है.
मोहिनी एकादशी की रस्में रिवाज
- आप प्रातःकाल सवेरे जाग जाए और तिल तथा कुश के साथ स्नान करें.
- ‘दशमी’ के रात्रि में आप जमीन पर ही सोयें.
- इसके बाद आपको उपवास रखने की आवश्यकता है. आपको पूर्ण व्रत रखना पड़ सकता है जिसमें आप जल से भी वंचित हो , अन्यथा आप आधा व्रत भी रख सकते है जिसमें आपको केवल फल और जल लें सकते है.
- मोहिनी एकादशी के दिन, चावल और सभी प्रकार के धान्यबीज खाना निषेध होता है, उनके लिए भी जो व्रत नही रखते है.
- ऐसा विश्वास है की मोहिनी एकादशी व्रत दुसरे दिन दूध पीकर तोडना चाहिए.
- एकादशी के दिन पूर्ण व्रत किया जाता है जो की ‘द्वादशी’ के सूर्य उदय तक जारी रहता है.
- भगवान् विष्णु की प्रतिमाओं के साथ विशेष ‘मंडप’ तैयार किये जाते है.
- भक्त भगवान् की पूजा चन्दन की लकड़ी, तिल, रंग-बिरंगे फूल और फलों के साथ करते है.
- तुलसी पत्ते का भोग लगाना ना भूलें क्योंकि ये भगवान् विष्णु के प्रिय है.
- रात्रि में लोग भगवान् कृष्ण की प्रार्थना और भजन करते है.
मोहिनी एकादशी के लिए मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र, विष्णु सहस्रनामन स्तोत्रम् या विष्णु अश्तोत्तरम.
रमा तारका मंत्र – “श्री राम जय राम जय राम”
रमा मूला मंत्र – “ॐ श्री रमया नमः”
मोहिनी एकादशी के बारे में अद्भुत तथ्य
- भगवान् विष्णु ने एकादशी तिथि पर एक सुन्दर स्त्री का रूप लिया था और इसी कारण इस दिन को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाते है.
- ऐसा कहा जाता है की माता सीता के वियोग में भगवान् राम को अपने पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए भगवान् वशिष्ठ ने उन्हें मोहिनी एकादशी करने की सलाह दी.
- मोहिनी एकादशी आपको जीवन के भय से दूर रखेगा.
- आपके सभी पाप; यहाँ तक की आपके अतीत के पाप भी धुल जायेंगे.
- मोहिनी एकादशी पर उपवास धारण करने से प्राप्त अच्छे कर्म, उन सभी तीर्थस्थलों के दर्शन करने , दान करने और यहाँ तक की यग्य करने से भी अधिक होता है.
- लोग इस व्रत को दूध पीकर तोड़ते है.