परम पवित्र पावनि है माँ भगवती राज राजेश्वरी (त्रिपुर सुंदरी) मंदिर का रहस्य (The mystery of Maa Bhagavati Raj Rajeshwari Uttarakhand temple)
प्राचीन समय से ही उत्तराखण्ड राज्य देवभूमि के नाम से सम्पूर्ण विश्व के ऐतिहासिक ग्रंथों में चर्चित है और पुरे भारत वर्ष में अपना एक अलग ही विशेष महत्व स्थान बनाये रखा है। प्राचीन समय में उत्तराखण्ड राज्य 52 छोटे-छोटे सूबों में बंटा था जिन्हें गढ़ के नाम से जाना जाता था और धीरे-धीरे समय के अनुसार देवभूमि का यह भूभाग गढ़ से गढ़वाल कहलाने लगा जो आज सम्पूर्ण भारत वर्ष में दार्शनिक स्थलों के नाम से अपना स्थान बनाये हुए है। इन सभी दार्शनिक स्थलों में से माँ भगवती राज राजेश्वरी का भी प्रमुख अंग है। जो अपने भक्तों को सदैव अपने गोद में संजोये रखती है और उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। माँ भगवती राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी गढ़वाल के राजवंश की कुलदेवी थी।
Rajeshwari Uttarakhand temple
राज राजेश्वरी मन्दिर देवलगढ़ का सबसे अधिक प्रसिद्ध ऐतिहासिक मन्दिर है। इसका निर्माण १४वीं शताब्दी के राजा अजयपाल द्वारा ही करवाया गया था । गढ़वाली शैली में बने इस मन्दिर में तीन मंजिलें हैं । तीसरी मंजिल के दाहिने कक्ष में वास्तविक मंदिर है। यहां देवी की विभिन्न मुद्राओं में प्रतिमायें हैं। इनमें राज-राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी कि स्वर्ण प्रतिमा सबसे सुन्दर है। इस मन्दिर में यन्त्र पूजा का विधान है। यहां कामख्या यन्त्र, महाकाली यन्त्र, बगलामुखी यन्त्र, महालक्ष्मी यन्त्र व श्रीयन्त्र की विधिवत पूजा होती है। संपूर्ण उत्तराखण्ड में उन्नत श्रीयन्त्र केवल इसी मन्दिर में स्थापित है। मन्दिर के पुजारी द्वारा आज भी यहां दैनिक प्रात:काल यज्ञ किया जाता है। नवरात्रों में रात्रि के समय राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस सिद्धपीठ में अखण्ड ज्योति की परम्परा पीढ़ियों से चली आ रही है। अत: इसे जागृत शक्तिपीठ भी कहा जाता है। कहा जाता है कि गढ़वाल की भूमि गौरा माता का ही आशिर्वाद है। यहां से हिमालय का बड़ा मनोहारी दृश्य दिखाई देता है।
Rajeshwari Uttarakhand temple
माँ राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी के अनोखे रहस्य की प्रमाणित कथा –
राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर की सबसे अनोखी मान्यता यह है कि निस्तब्ध निशा में यहां स्थापित मूर्तियों से बोलने की आवाजें आती हैं। मध्य-रात्रि में जब लोग यहां से गुजरते हैं तो उन्हें आवाजें सुनाई पड़ती हैं। वैज्ञानिकों की मानें, तो यह कोई वहम नहीं है। इस मंदिर के परिसर में कुछ शब्द गूंजते रहते हैं। यहां पर वैज्ञानिकों की एक टीम भी गई थी, जिन्होंने रिसर्च करने के बाद कहा कि यहां पर कोई आदमी नहीं है। इस कारण यहां पर शब्द भ्रमण करते रहते हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी मान लिया है कि हां पर कुछ न कुछ अजीब घटित होता है, जिससे कि यहां पर आवाज आती है।
Rajeshwari Uttarakhand temple
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