यह आश्विन अधिक मास चल रहा है। शास्त्रों में इसे पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। दरअसल, इस माह के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इसलिए अधिक मास में उनकी विशेष रूप से आराधना की जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस मास में जो भगवान विष्णु का पूजन करता है उसे कई गुना फल की प्राप्ति होती है। लेकिन इस महीने जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की पूजा में कुछ बातों का अवश्य ही ध्यान करना चाहिए। आइए जाने Gold Price Today.
विष्णु जी की पूजा में इन बातों का रखें इन बातों
अधिमास में भगवान विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए। विष्णु जी के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करनी चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें खीर के साथ पीले रंग की ही मिठाई और फल का भोग लगाना चाहिए।
पीपल के वृक्ष की करें पूजा
पीपल के वृक्ष पर भगवान विष्णु का वास होता है इसलिए अधिक मास के दौरान पीपल के वृक्ष पर मीठा जल चढ़ाना लाभकारी होता है। अधिकमास के दौरान तुलसी जी के सामने घी का दीपक जलाना भी लाभकारी माना गया है। Reach out to the best Astrologer at Jyotirvid.
भगवान शालीग्राम का करें दर्शन
पदम पुराण के अनुसार जो कोई भगवान विष्णु जी के प्रतीक शालिग्राम का दर्शन करता है। उनके प्रति मस्तक झुकाता है, उन्हें स्नान कराता है और उनकी पूजा करता है वह कोटि यज्ञों के समान पुण्य तथा कोटि गौदानों का फल पाता है। इनका स्मरण, कीर्तन, ध्यान व पूजन करने से अनेक पाप दूर हो जाते हैं।
भगवान सत्यनारायण की करें पूजा
अधिक मास में भगवान सत्य नारायण की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं जिसके उपरांत घर में सुख-समृद्धि आती है। ऐसा भी माना जाता है कि अधिक मास में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से घर के सभी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।
अधिक मास में न करें ये कार्य
अधिक मास में शादी, सगाई, जडुला, गृह निर्माण आरम्भ, गृहप्रवेश, मुंडन, संन्यास अथवा शिष्य दीक्षा लेना, नववधू का प्रवेश, देवी-देवता की प्राण-प्रतिष्ठा, यज्ञ, बड़ी पूजा-पाठ का शुभारंभ, कूप, बोरवेल, जलाशय खोदने जैसे पवित्र कार्य नहीं किए जाते हैं। और अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.