12 जनवरी 2021 को महान दार्शनिक और भारत के अध्यात्म का डंका पूरे विश्व में बजाने वाले स्वामी विवेकानंद जी की 158वीं जयंती मनाई जा रही है। स्वामी विवेकानंद के विचार देश के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उन्होंने देश और समाज को नई और विकासशील दिशा की ओर अग्रसर करने में अहम योगदान दिया था। स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणास्त्रोत थे और इसलिए उनकी जयंती देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाई जाती है।
हिंदू धर्म औऱ आध्यात्म की आधुनिक और प्रेरणादायी व्याख्या करने में स्वामी विवेकानंद का अहम योगदान है। उनका जन्म 1863 में कोलकाता में हुआ था। उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया। उनके पिता विश्वनाथ दत्त कोलकाता हाईकोर्ट में एक नामी वकील थे और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। विवेकानंद को धर्म और उसके आधुनिक स्वरूप को जानने की काफी उत्सुकता थी और ये उत्सुकता उनकी मां भुवनेश्वरी देवी पूरी किया करती थी।
25 साल की आयु में विवेकानंद घर छोड़कर संन्यासी हो गए और धर्म की खोज करने लगे। उन्हें आध्यात्म के प्रति गहरी रुचि थी और इसकी जिज्ञासा शांत करने के लिए वो आध्यात्मिक बैठकों में हिस्सा लिया करते थे। स्वामी विवेकानंद के विचार बहुत प्रेरणादायक हैं। जिन्हें अपनाकर आप खुद का ही नहीं बल्कि अपने समाज का भी बेहतरीन तरीके से विकास कर सकते हैं। यह विचार सबसे अधघिक युवाओं को प्रेरित करते हैं। पढ़िए उनके कुछ विचारों के बारे में।
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
जो किस्मत पर भरोसा करते हैं वो कायर हैं, जो अपनी किस्मत खुद बनाते हैं वो मजबूत हैं।
अपने इरादों को मज़बूत रखो। लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो। एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे।
जब कोई विचार विशेष रूप से हमारे मन पर कब्जा कर लेता है, तो यह वास्तविक, भौतिक या मानसिक स्थिति में बदल जाता है।
यह कभी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। यदि पाप है, तो यह एकमात्र पाप है, यह कहना कि आप कमजोर हैं, या अन्य कमजोर हैं।
हम जितना ज्यादा बाहर जाए और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें वास करेंगे।
पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार कर लिया जाता है।
हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है।
जब आप व्यस्त होते हैं तो सब कुछ आसान सा लगता है परन्तु आलसी होने पर कुछ भी आसान नहीं लगता है।
आपको अंदर से बाहर की ओर विकसित होना है। कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता, तुम्हारी आत्मा के अतिरिक्त कोई और गुरु नहीं है।
उठो, जागो और लक्ष्य पूरा होने तक मत रुको।
शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है। अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।