होली के दूसरे दिन भारत के कई इलाकों में भाईदूज का त्योहार मनाा जाता है. वैसे तो दिवाली के बाद आने वाली भाई दूज का खास महत्व होता है. इसके अलावा चैत्र के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2021) का पर्व मनाया जाता है. इस साल भाई दूज का पर्व 30 मार्च 2021 यानी आज मनाया जा रहा है.
होली भाई दूज शुभ मुहूर्त
होली भाई दूज मंगलवार, मार्च 30, 2021 को
द्वितीया तिथि प्रारम्भ – मार्च 29, 2021 को 08:54 PM बजे
द्वितीया तिथि समाप्त – मार्च 30, 2021 को 05:27 PM बजे
होली भाई दूज का महत्व
जिस तरह दिवाली के दूसरे दिन मनाए जाने वाले भाई दूज के त्योहार में बहनें भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं, उसी तरह से होली के दूसरे दिन यानी होली भाई दूज पर भी देश के कुछ हिस्सों में भाई को तिलक लगाकर बहनें भाई दूज मनाती हैं. शास्त्रों की मानें तो होली के अगले दिन जब बहनें भाई को तिलक लगाती हैं तो भाई को सभी तरह के संकट से मुक्ति मिल जाती है और उसके जीवन में सुख समृद्धि आती है.
होली भाई दूज की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी जिसका एक बेटा और एक बेटी थी. बुढ़िया ने अपनी बेटी की शादी कर दी थी. एक बार होली के बाद भाई ने अपनी मां से बहन के यहां जाकर तिलक कराने का आग्रह किया तो बुढ़िया ने अपने बेटे को जाने की इजाजत दे दी. बुढ़िया का बेटा एक जंगल से गुजरा जहां उसे एक नदी मिली. नदी ने कहा मैं तेरी जान लूंगी. इस पर बुढ़िया का बेटा बोला पहले मैं अपनी बहन से तिलक करा लूं फिर मेरे प्राण लेना. इसके बाद वह आगे बढ़ा जहां उसे एक शेर मिला. बुढ़िया के बेटे ने शेर से भी यही कहा. इसके बाद उसे एक सांप मिला और उसने सांप से भी यही कहा.
इसके बाद वह अपनी बहन के घर पहुंचा. उसकी बहन सूत काट रही थी. तिलक कराते वक्त भाई का मन दुखी था. इस पर बहन ने उसके दुख का कारण पूछा तो भाई ने उसे सब बता दिया. बहन ने भाई से रुकने के लिए कहा और खुद एक तालाब के पास गई जहां उसे एक बुढ़िया मिली. बहन ने बुढ़िया से अपने भाई की समस्या का समाधान पूछा. इस पर बुढ़िया ने कहा यह तेरे पिछले जन्मों का कर्म है जो तेरे भाई को भुगतना पड़ रहा है. अगर तू अपने भाई को बचाना चाहती है तो उसकी शादी होने तक उसकी सहायता कर और उसकी तरफ आने वाले हर संकट को टाल दे.., अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।