सूर्य की कुंभ संक्रांति 13 फरवरी दिन रविवार को है. इस दिन सूर्य देव मकर राशि (Makar Rashi) से निकलकर कुंभ राशि (Kumbh Rashi) में प्रवेश करेंगे. सूर्य देव लगभग हर एक माह पर अपना राशि परिवर्तन करते हैं. वे जिस राशि में जाते हैं, उस राशि से जुड़ी संक्रांति प्रारंभ होती है. इस वर्ष कुंभ संक्रांति पर प्रीति एवं त्रिपुष्कर योग बना हुआ है. इस दिन स्नान एवं दान करने का विशेष महत्व होता है. कुंभ संक्रांति का भी मकर संक्रांति के समान ही महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं कुंभ संक्रांति के समय (Muhurat) एवं उपाय (Upay) के बारे में.
कुंभ संक्रांति 2022 मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कुंभ संक्रांति 13 फरवरी को सुबह 03:41 बजे से प्रारंभ होगी. इसका पुण्यकाल सुबह 07:01 बजे से लेकर दोपहर 12:35 बजे रहेगा. कुंभ संक्रांति का महाकाल सुबह 07:01 बजे से लेकर सुबह 08:53 बजे तक रहेगा.
कुंभ संक्रांति की पूजा एवं लाभ
ऐसे में आप कुंभ संक्रांति के दिन प्रात:काल से ही नदी स्नान एवं दान पुण्य कर सकते हैं. इस दिन स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से आरोग्य, धन-धान्य में वृद्धि, पिता से बेहतर संबंध, सुख आदि की प्राप्ति होती है.
कुंभ संक्रांति पर दान
इस दिन स्नान और सूर्य पूजा के बाद दान करना चाहिए. गरीबों को या किसी ब्राह्मण को गेहूं, तांबा, कंबल, गरम कपड़े, लाल वस्त्र या लाल फूल का दान कर सकते हैं. इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और दोष दूर होता है.
संक्रांति पर स्नान से दूर होती है दरिद्रता
देवी पुराण में बताया गया है कि संक्रांति के अवसर सूर्योदय पूर्व स्नान करने से पाप मिटते हैं और दरिद्रता दूर होती है. इस दिन जो लोग स्नान नहीं करते हैं, वे दरिद्र होते हैं. उनके धन संपदा में बढ़ोत्तरी नहीं होती है. जो लोग संक्रांति पर स्नान करते हैं, उनको ब्रह्म लोक में स्थान प्राप्त होता है.
13 फरवरी को सूर्य का राशि परिवर्तन हो रहा है. कुंभ राशि में सूर्य देव एक माह तक रहेंगे, उसके बाद वे मीन राशि में गोचर करेंगे. जब सूर्य देव का मीन राशि में प्रवेश होगा, तब वह मीन संक्रांति होगी. अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।