भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि का दिन एक उत्तम अवसर है. इस साल महाशिवरात्रि 01 मार्च को है. हर साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करके आप मनोकामनाओं की पूर्ति भी कर सकते हैं और जीवन के संकटों को भी दूर कर सकते हैं. महाशिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना फलदायी होता है. इस मंत्र के जाप से भय, रोग, दोष दूर होते हैं और पाप भी मिटते हैं. आइए जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra), उसके लाभ (Benefits) और जप विधि (Jaap Vidhi) के बारे में.
महाशिवरात्रि 2022 महामृत्युंजय मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र दो प्रकार का होता है. एक संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र और दूसरा लघु मृत्युंजय मंत्र. यहां पर आपकी सुविधा के लिए दोनों ही मंत्रों को दिया जा रहा है.
संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ.
लघु मृत्युंजय मंत्र
ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ.
महामृत्युंजय मंत्र की जाप विधि
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप यदि आप स्वयं करना चाहते हैं तो मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहें. दूसरों के बारे में बुरे विचार या कार्य न करें. मन को शांत रखें.
- महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए. मंत्र का शुद्ध उच्चारण न करने से उसके उचित फल प्राप्त नहीं होता है.
- यदि आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप नहीं कर सकते हैं, तो किसी योग्य पंडित या ज्योतिषाचार्य की मदद ले सकते हैं.
- रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. अपने सामने शिवलिंग या शिव जी का तस्वीर रखें.
- संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार करते हैं, जबकि लघु महामृत्युंजय मंत्र का जाप 11 लाख बार होता है.
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप पूर्व दिशा की ओर मुख करके करें. इस दौरान धूप—दीप जलाकर रखना चाहिए.
महामृत्युंजय मंत्र जाप से लाभ
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से असाध्य रोग, अकाल मृत्यु, शत्रु से भय, राजदंड, ग्रह दोष, गृह क्लेश, प्रॉपर्टी विवाद आदि में लाभ मिलता है. अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।