इस साल महाशिवरात्रि 01 मार्च को है. महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपने मनोकामानाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक भी कराया जाता है. रुद्राभिषेक कराने से कष्टों, रोग, दोष से मुक्ति तो मिलती ही है, भगवान शिव भी अपने भक्त पर कृपा बरसाते हैं. कई बार काम में सफलता नहीं मिलती है, निराशा घर कर जाती है, हर काम असफल होने लगता है, तब भगवान शिव ही हैं, जो त्रिकालदर्शी हैं, उनके शरण में जाकर हर समस्या का समाधान मिल जाता है. आइए जानते हैं कि रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) क्या होता है, इसे कराने से क्या लाभ (Benefits) होता है और इसका महत्व (Importance) क्या है?
महाशिवरात्रि 2022 रुद्राभिषेक का अर्थ
रुद्राभिषेक दो शब्दों रुद्र और अभिषेक से मिलकर बना है. रुद्र कहते हैं भगवान शिव को और अभिषेक का अर्थ है स्नान कराना या करना. इस प्रकार से रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान शिव का अभिषेक. महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक किया जाता है. सावन माह में या फिर जिस दिन शिव वास होता है, उस दिन रुद्राभिषेक कराते हैं.
रुद्राभिषेक का महत्व
- रुद्राभिषेक कराने से ग्रह दोष, रोग, कष्ट, पाप मिटते हैं.
- यदि आप संकट में घिरे हैं, भय ने आपको जकड़ रखा है, तो भी रुद्राभिषेक कराने से उनका समाधान होता है.
- धन, संपत्ति, वैभव, सुख आदि की प्राप्ति के लिए भी रुद्राभिषेक कराते हैं.
- शत्रुओं पर विजय पानी हो या फिर अकाल मृत्यु का भय होता है, तब भी रुद्राभिषेक कराने से लाभ मिलता है.
- कार्यों में सफलता, यश और कीर्ति की प्राप्ति के लिए भी रुद्राभिषेक कराते हैं.
- रुद्राभिषेक कराने से मानसिक और शारीरिक दुखों से भी मुक्ति प्रदान करते हैं भगवान शिव.
रुद्राभिषेक के प्रकार
- उत्तम सेहत के लिए भांग से रुद्राभिषेक
- बिजनेस में सफलता के लिए घी से रुद्राभिषेक
- ग्रह दोष दूर करने के लिए गंगाजल से रुद्राभिषेक
- धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक
- घर में सुख एवं शांति के लिए दूध से रुद्राभिषेक
- शिक्षा में सफलता के लिए शहद से रुद्राभिषेक
- खुशहाल जीवन के लिए शक्कर से रुद्राभिषेक
- कलह कलेश दूर करने के लिए दही से रुद्राभिषेक
- दुश्मनों को परास्त करने के लिए भस्म से रुद्राभिषेक
- नकारात्मकता को दूर करने के लिए बारिश के पानी से रुद्राभिषेक
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