कई बार ऐसा होता है कि घर में कोई सब्जी नहीं बनी होती है। ऐसे में बहुत से लोग खाने के साथ अचार खाना पसंद करते हैं। अमूमन हर घर में अचार का इस्तेमाल होता है। हर दिल अजीज अचार तभी बेमिसाल स्वाद दे पाता है जब इसमें फंगस ना लगे, ये खराब ना हो। इसे सही तरीके से रखना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए अचार डालते या इसे रखते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे उन उपायों के बारे में जिन्हें अपनाकर आप अचार को फंगस लगने से बचा सकते हैं।
इन बातों का ध्यान रखने से नहीं लगेगा फंगस
अचार का सबसे बड़ा दुश्मन फंगस या फफूंद है। यह अचार में डाली गई चीजों में नमी रहने की वजह से भी लग सकता है। इसके ऊपर तेल की परत इसे खराब होने से बचाती है। अचार में तेल पर्याप्त मात्रा में ना होने की वजह से भी यह खराब हो सकता है। इसके अलावा अचार बनाते वक्त इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन अगर साफ ना हो तो इसमें फफूंद लगने की संभावना बनी रहती है। अचार में इस्तेमाल होने वाले फलों और सब्जियों के दागदार होने पर भी फंगस लग सकता है। शुरुआती दिनों में बर्तन में रखे अचार को हिलाते रहना चाहिए।
अचार भरने में बरतें सावधानी, रखने के लिए सही बर्तन चुनें
अचार बनाने से ही आपका काम पूरा नहीं हो जाता है। इसका स्वाद बरकरार रहे और ये लंबे वक्त तक खाया जा सकें इसके लिए इसे रखने वाले और बर्तनों और भरते वक्त सावधानी रखनी चाहिए। इसे रखने वाले बर्तन कांच या चीनी मिट्टी के होने चाहिए। स्टील के बर्तन और प्लास्टिक के डिब्बों में अचार स्टोरेज करने से बचना चाहिए। प्लास्टिक के जार में अचार रखना सेहत के हिसाब से भी अच्छा नहीं माना जाता है।
नमी से बचाव और सामग्री की मात्रा का रखें ध्यान
अचार बनाने वाले फल, सब्जी और मसाले में नमी नहीं रहनी चाहिए। इसमें डाले जाने वाले मसालों की मात्रा सही होनी चाहिए। अचार के मसालों में नमी रह जाने से भी अचार जल्दी खराब हो सकता है। इसीलिए अचार बनाने से मसालों को पहले थोड़ा भून लें या धूप में रखकर नमी निकाल दें। इसी तरह मीठे अचार के लिए चाश्नी सही बनानी चाहिए। नमक की मात्रा सही ना होने पर भी अचार जल्दी खराब होने का खतरा रहता है।
ये है अचार रखने का सही तरीका
अचार तैयार होने के बाद दो -तीन दिन इसे मलमल के कपड़े से ढक कर धूप में रखें। अचार कई तरह के बनते हैं, जैसे तेल वाला अचार, बगैर तेल वाला अचार, मीठा अचार। कुछ एक महीने तो कुछ अचार पूरे साल इस्तेमाल के लिए बनाए जाते हैं। तेल वाले अचार में सही मात्रा में तेल होना जरूरी होता है। इसी तरह मीठे अचार में पानी नहीं रहना चाहिए। रोजाना इस्तेमाल के लिए अचार को बड़े कंटेनर से कांच के किसी छोटे कंटेनर में निकालें। अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।