बाबा भोलेनाथ को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान माना जाता है. अपने भक्तों को थोड़े कष्ट में ही देखकरशिव जी पसीज जाते हैं. कहते हैं कि सोमवार को अगर भगवान भोलनाथ की पूरे समर्पण से आराधना की जाती है तो वे अपने भक्तों के सारे कष्ट दूर कर देते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर का न आदि है और न अंत है. उनकी इच्छा के बिना इस पूरे ब्रह्मांड में एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है. हमारे देश में भगवान भोले के 12 ज्योतिर्लिंगों (Jyotirling) के साथ ही कई प्रसिद्ध मंदिर (Famous Shiv Temples) भी हैं. मान्यता है कि इन मंदिरों में दर्शन मात्र से ही न सिर्फ भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है बल्कि मोक्ष के द्वार भी खुल जाते हैं.
हम आज आपको देशभर में विभिन्न जगहों पर स्थित भगवान भोलेनाथ के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां जाकर पूजा-अर्चना करने से न सिर्फ पुण्य-लाभ मिलता है बल्कि सारे कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है.
ये हैं भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिर
केदारनाथधाम – हिमालय की गोद में बसा भगवान भोलेनाथ का धाम केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है. कहते हैं कि केदारनाथधाम की स्थापना पांडव वंश के जनमेजय द्वारा की गई थी. यह मंदिर कत्यूरी शैली में बना है. इस मंदिर में दर्शनों के लिए कठिन यात्रा तय करनी पड़ती है.
- अमरनाथ धाम – बाबा अमरनाथ की गुफा जो कि बाबा बर्फानी के नाम से भी प्रसिद्ध है, यह भगवान शिवजी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है. काफी दुर्गम रास्ता होने के बावजूद हर साल हजारों भक्त यहां दर्शन करने जाते हैं. अमरनाथ तीर्थों का तीर्थ कहलाता है. कहते हैं कि यहां शंकर जी ने मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था.
- महाकालेश्वर मंदिर – उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर का मंदिर भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना गया है. बिना यहां दर्शन किए 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती है. महाकालेश्वर मंदिर में लिंग स्वरुप भोलेनाथ की प्रतिमा दक्षिणामुखी है.
- मुरुदेश्वर शिव मंदिर – भगवान शिवजी का यह मंदिर कर्नाटक में स्थित है. यह अरब सागर के तट पर है जो कि मेंगलोर से लगभग 165 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यहां लगी शिवजी की मूर्ति विश्व की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति मानी जाती है.
- काशी विश्वनाथ मंदिर – यह मंदिर वाराणसी में स्थित है. यह भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना गया है. कहते हैं कि यहां बहती गंगा नदी और भगवान भोले के दर्शन मात्र से ही मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं.
- रामेश्वरम् – तमिलनाडु के रामनाथपुर में रामेश्वरम् मंदिर स्थित है. यह भी 12 ज्योतिर्लिगों में से एक है. इसके साथ ही यह चार धामों में से भी एक है.
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