बिहार के मधुबनी जिले के किसान परिवार में जन्मे मुकुंद कुमार झा की यूपीएससी जर्नी बहुत कुछ सिखाती है. सीमित संसाधनों में बिना कोचिंग एक साल की तैयारी में पहले अटेंप्ट में आईएएस बनने वाले मुकुंद कुमार की स्ट्रेटजी और अब तक का सफर जानिए. आइए जानिए छठ पूजा में महिलाएं क्यों लगाती हैं लंबा सिंदूर.
मुकुंद ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वो चौथी-पांचवी कक्षा में पढ़ते थे, तभी उन्होंने आईएएस-आईपीएस शब्द कहीं पढ़े थे. तब वो अपने पिता से पूछते थे कि इनका क्या मतलब होता है. उनके पिता ने उन्हें इसका मतलब बताया फिर जब वो बड़े हुए तो यही बनने का सपना देखना शुरू कर दिया. और आगे चलकर इसी को अपना करियर गोल बना लिया.
अपने परिवार के बारे में वो बताते हैं कि मेरे पिता एक किसान हैं और मां पहले प्राइमरी स्कूल में टीचर थीं, जो कि छोड़कर बच्चों को पढ़ाने लगीं. उन्होंने मेरी बहन और फिर मुझे भी घर पर पढ़ाया. वो बताते हैं कि उन्हें इस पूरी जर्नी में बहुत सारी कठिनाइयों को झेलना पड़ा, इसीलिए कोचिंग ज्वाइन नहीं की. वो कहते हैं कि मुझे पता था पापा से ढाई-तीन लाख रुपये मांगूंगा तो दे देंगे लेकिन मुश्किल होगा.
अपने शुरुआती दिनों के बारे में वो बताते हैं कि उन्होंने बिहार में ही आवासीय सरस्वती विद्या मंदिर से पांचवीं तक पढ़ाई की. इसके बाद सैनिक स्कूल गोलपाड़ा से 12वीं तक पढ़ाई की. फिर डीयू से ग्रेजुएशन किया.
वो बताते हैं कि ग्रेजुएशन के बाद मेरी एज कंपलीट नहीं थी, इसलिए 2018 में पूरा मुझे एक साल प्रिपरेशन का मिला. फिर पहली बार 2019 में प्रीलिम्स दिया. उन्होंने ये पूरी तैयारी बिना कोचिंग के की. वो कहते हैं कि मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि पहले अटेंप्ट में निकाला. हां मुझे एक दो बार लगा कि अब छोड़ देते हैं कोई इसकी तुलना में आसान परीक्षा देता हूं, फिर यूपीएससी ट्राई करूंगा. लेकिन फिर लक्ष्य याद आता था. उसके कारण शक्ति मिलती थी.
ये थी स्ट्रेटजी
मुकुंद ने अपने इंटरव्यू में कहा कि वो तैयारी के लिए टाइम टेबल को स्ट्रिक्ट होकर फॉलो करते थे. इसके लिए पहले मैं जिस तरह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहता था, फिर मैंने फेसबुक, ट्विटर डीएक्टिवेट किया, दोस्तों, फेमिली फंक्शन, शादी समारोह सब छोड़ दिया. प्रॉपर स्ट्रेटजी और बुक लिस्ट बनाई. फिर रोज 12 से 14 घंटे पढ़ाई करके यूपीएससी परीक्षा निकाली.
22 साल की उम्र में आईएएस बने बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले मुकुंद ने बताया कि यूपीएससी में ये नहीं पूछा जाता कि आपके शर्ट में कितने बटन हैं या कितनी सीढ़ियां आप चढ़कर आए. बल्कि यूपीएससी में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जिससे ये पता चल सके कि आप अपनी कंट्री को कितना जानते हैं. अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.