एकादशी व्रत को सभी व्रतों में महत्वपूर्ण माना जाता है. पौष माह (Paush Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को वैकुंठ एकादशी व्रत रखा जाता है. वैकुंठ एकादशी व्रत को पौष पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. इसे मुक्कोटी एकादशी भी कहते हैं. इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस व्रत को करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन पूजा के समय वैकुंठ एकादशी व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए. आइए जानते हैं वैकुंठ एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व के बारे में.
वैकुंठ एकादशी 2022 तिथि एवं मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 12 जनवरी को शाम 04:49 बजे हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 13 जनवरी को शाम 07:32 बजे तक मान्य है. ऐसे में वैकुंठ एकादशी व्रत 12 जनवरी दिन गुरुवार को रखा जाएगा.
वैकुंठ एकादशी के दिन शुभ योग दोपहर 12:35 बजे तक है. उसके बाद से शुक्ल प्रारंभ हो जाएगा. ऐसे में वैकुंठ एकादशी व्रत के लिए सुबह में पूजा करना उत्तम है. वैसे इस दिन रवि योग प्रात: 07:15 बजे से शाम 05:07 बजे तक है. दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:09 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक है. पी एम
वैकुंठ एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु के धाम वैकुंठ का द्वार खुला रहता है. इस दिन जो भी वैकुंठ एकादशी व्रत करता है, उसे मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम में श्रीहरि के चरणों में स्थान मिलता है. उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
इस दिन पुत्रदा एकादशी भी होती है. ऐसे में आप यदि वैकुंठ एकादशी का व्रत रखते हैं, तो आपको संतान प्राप्ति का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा. जो लोग नि:संतान हैं, उनको पुत्रदा एकादशी का व्रत रखना चाहिए. अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।