सकट चौथ व्रत 31 जनवरी रविवार के दिन रखा जाएगा। इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान की सलामती और खुशहाली के लिए रखती हैं। इस व्रत को माघी चौथ या तिलकुट चौथ भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल यह व्रत माघ मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है। इस दिन गणपति महाराज की कृपा पाने के लिए उन्हें तिल के लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं सकट चौथ के दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए।
कंद मूल के सेवन से बचें
शास्त्रों के अनुसार इस दिन भूमि के भीतर उगने वाले कंद मूल का सेवन नहीं करना चाहिए। यही वजह है कि इस दिन मूली, प्याज,चुकंदर और गाजर खाना निषेध होता है। कहा जाता है कि इस दिन मूली खाने से व्यक्ति को आर्थिक मामलों में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
गणपति महाराज को भूल से भी न चढ़ाएं तुलसी
इस दिन गणपति महाराज को तुलसी का पत्ता भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान नाराज हो जाते हैं। व्रती को पूजा करते समय गणेश भगवान को खुश करने के लिए दुर्वा चढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को स्वास्थ लाभ होता है। साथ ही मान-प्रतिष्ठा और धन संपत्ति में वृद्धि होती है।
इस विधि से करें गणपति महाराज की पूजा
इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पहले स्नान करके उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इस व्रत में तिल का बहुत बड़ा महत्व होता है इसलिए जल में तिल मिलाकर भगवान को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है।
तिल का करें दान
सूर्यास्त के बाद चंद्रमा को तिल, गुड़ का अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन तिल से बनी चीजों का सेवन करने से व्यक्ति के पाप कट जाते हैं। इस दिन तिल का दान करने से भी लाभ होता है। अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।