Vastu Tips: ईशान कोण वास्तु शास्त्र में बेहद अहम दिशा मानी जाती है। ईशान कोण उत्तर-पूर्व दिशा को कहते हैं। इस दिशा में बहुत सारी चीजें ऐसी है जो गलती से भी नहीं बनवानी चाहिए, वहीं कुछ ऐसी चीजें हैं जो इस दिशा में रखना बेहद शुभ होता है। वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित मनोज कुमार मिश्रा से जानते हैं वास्तु शास्त्र में ईशान कोण यानी कि उत्तर पूर्व दिशा का महत्व, साथ ही ये भी जानते हैं कौन सी चीजें इस दिशा में होनी चाहिए और कौन सी चीजें बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।
उत्तर पूर्व दिशा पूजाघर के लिए, बालकनी ,बरामदा ,भूमिगत टंकी, नलकूप, स्वागत कक्ष और वर्षा के पानी के निकास के लिए बहुत ही उपयुक्त माना जाती है।
ईशान कोण कभी भी भारी नहीं होना चाहिए, इस दिशा में शौचालय और किचन नहीं बनवाना चाहिए।
यदि किसी कारण बस ईशान कोण से सटा हुआ किचन होता है तो उस घर में रहने वाले सदस्यों का वंश वृद्धि में समस्या आती है। धन का खर्च अधिक बढ़ जाते हैं और घर की जो महिलाएं हैं उनका स्वास्थ्य बिगड़ता है।
ईशान कोण को बहुत ही सुंदर ढंग से व्यवस्थित ढंग से रखना चाहिए, क्योंकि इस दिशा में भगवान का वास होता है।
भगवान की दिशा गलत होने से उनका पॉजिटिव औरा प्राप्ति में नुकसान होता है और घर के सदस्यों के बीच मतभेद मनमुटाव की समस्या आती है ।
ईशान कोण में कोई भारी पेड़ पौधा नहीं लगाना चाहिए तुलसी का पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
ईशान कोण में तिजोरी नहीं रखनी चाहिए, वरना अनावश्यक खर्च बढ़ जाता हैं साथ ही धन का चोरी होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
उत्तर पूर्व या ईशान कोण के स्वामी भगवान शिव हैं तथा इसका संबंध बृहस्पति ग्रह से है।
ईशान कोण को कभी भी गोलाकार नहीं बनाना चाहिए इन कोनों को कभी बंद नहीं करना चाहिए।
इस दिशा में कभी भी झाड़ू या भारी भारी वस्तु नहीं रखना चाहिए। ईशान कोण पवित्र और प्रकाश समान होना चाहिए। जिससे इन घर में रहने वाले आदमी ज्ञानवान और बुद्धिमान होते हैं।
यदि ईशान कोण में रसोई कक्ष बन गया हो गलती से भी तो गृह क्लेश होता है और धन का नाश करता है।
यदि किसी कारणवश ईशान कोण कटा हुआ या विकृत हो तो संतान विकृत या विकलांग पैदा हो सकते हैं। ईशान कोण में सीढ़ी बनवाना भी बहुत अशुभ माना गया है।
ईशान कोण में टापू ,पहाड़ी, झरना इत्यादि वाली पेंटिंग लगाना भी अशुभ होता है और महिलाओं का स्वास्थ्य खराब करने वाला माना गया है।
ईशान कोण में कचरा रखने या पत्थरों का ढेर लगाने या इसको ऊंचा करने से सामाजिक तौर पर शत्रुता बढ़ती है, और उनको जीवन में बहुत समस्याएं आती है।